Democracy essay in hindi. भारतीय लोकतंत्र पर निबंध 2022-12-29
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हालांकि डेमोक्रासी एक अत्यंत महत्वपूर्ण विधान है, जो अधिकांश देशों में लागू होता है, लेकिन यह अक्सर असफलता से भरा होता है। समझदार और जनता द्वारा चुने जाने वाले नेताओं की जगह अपने ही हितों के लिए काम करने वाले नेताओं से भरी होती है, जो जनता की जरूरतों का ध्यान नहीं रखते हैं। यह जनता को अपने नेताओं और सरकारों से नफरत करने के लिए जगह देता है।
संविधान में सुनिश्चित होने वाले अधिकारों का अभाव और समस्याओं से भरा होना भी डेमोक्रासी की एक महत्वपूर्ण समस्या है। जनता को अपने अधिकारों का पूर्ण उपयोग नहीं कर
भारतीय लोकतंत्र पर निबंध
. अलग-अलग राजनीतिक दल राज्य के साथ-साथ राष्ट्रीय स्तर पर चुनाव में खड़े होते हैं। इस चुनाव में खड़े होने से पहले वे अपने पिछले किये गये सारे कार्यकाल में पूरे किये गये कार्यों के बारे में प्रचार-प्रसार करते हैं तथा वे लोगों से भविष्य में क्या-क्या कार्य करेंगे, किस तरह करेंगे वे अपनी सारी योजनायें सभी के साथ साझा करते हैं। संविधान में यह तय है कि 18 वर्ष से अधिक आयु के हर भारतवासी को वोट देने का पूर्ण अधिकार है। सरकार भी मतदान करने के लिये लोगों को अधिक से अधिक प्रोत्साहित करने के लिये हर समय प्रयास में लगी रहती है। लोगों को अपना कीमती वोट देने से पहले चुनाव में खड़े होने वाले उम्मीदवारों के बारे में पूरी जानकारी होना चाहिए और एक अच्छे प्रशासन स्थापित करने लिये जो हमें सबसे योग्य व्यक्ति लगता है उसको वोट देना चाहिए। भारत में लोकतंत्र का इतिहास History of Democracy in India भारत पर उस समय के भारत के लोग, जिन्होंने अंग्रेजों के हाथों काफी अत्याचारों का सामना किया था, पहली बार वोट करने का और अपनी सरकार का चुनाव करने का अधिकार प्राप्त किया। एक सफल लोकतांत्रिक व्यवस्था के लिये हमारे भारत देश को जाना जाता है। जबकि आज भी कुछ कमियां हैं, जिनको हमें दूर करने के लिये कुछ काम करने की ज़रूरत है। हमारे देश की सरकार को सही मायने में लोकतंत्र को सुनिश्चित करने के लिये निरक्षरता, लोकतंत्र को हम सरकार का सबसे अच्छा स्वरूप कहते है। यह देश के प्रत्येक नागरिक को वोट देने और उनकी जाति, पंथ, रंग, धर्म या लिंग के बावजूद अपनी इच्छा से अपने नेताओं का चयन करने की आज्ञा देता है। हमारी सरकार को देश के आम लोगों के द्वारा चुना जाता है। चुनाव के प्रचार के बाद विभिन्न राजनीतिक दलों के द्वारा एक अभियान चलाया जाता है, ताकि लोगों के विकास को लेकर उनके भविष्य के लाभ के लिये उनके द्वारा किये जाने वाले कार्यों पर ध्यान दिया जा सके। भारत में चुनाव व राजनीतिक पार्टी Political Parties भारत के कई राज्यों में विभिन्न रूप से नियमित अंतराल पर भी चुनाव किये जाते हैं। इन चुनावों में कई पार्टियां केंद्र तथा राज्यों में जीतकर सरकार बनाने के लिये प्रतिस्पर्धा करती हैं। अक्सर लोगों को सबसे योग्य उम्मीदवार का चुनाव करने के लिए अपने अधिकार का इस्तेमाल करने के लिये प्रोत्साहित किया जाता है लेकिन फिर भी जाति भारतीय राजनीति में भी एक बड़ा कारक है चुनावी प्रक्रियाओं को प्रभावित करने में। आज 18 वर्ष से अधिक आयु का हर भारतीय इंसान भारत में वोट देने का पूरा अधिकार रखता है। हमारे भारत में कई पार्टियाँ होती है, उनके उम्मीदवार उनकी तरफ से अपना चुनाव लड़ते हैं जिनमें से कुछ प्रमुख है — भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस, कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ इंडिया- मार्क्सिस्ट सी पी आई-एम , भारतीय जनता पार्टी भा ज पा , भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी सी पी आई , अखिल और बहुजन समाज पार्टी ब स पा आदि। भारतीय लोकतंत्र के 5 सिद्धांत 5 Principles of Indian Democracy हमारे भारत का लोकतंत्र पांच लोकतांत्रिक सिद्धांतों पर कार्य करता है — संप्रभु Sovereign इसका सीधा-सीधा अर्थ है हमारा भारत किसी भी विदेशी शक्ति या उसके नियंत्रण के हस्तक्षेप से मुक्त है। समाजवादी Socialist इसका अर्थ है, कि सभी नागरिकों को आर्थिक समानता और सामाजिक प्रदान करना। धर्मनिरपेक्षता Secularism इसका अर्थ है, लोगों को किसी भी धर्म को अपनाने या अस्वीकार करने की आजादी है। लोकतंत्र Democracy इसका मतलब है, कि भारत की सरकार अपने देश के नागरिकों के द्वारा चुनी जाती है। लोकतांत्रिक गणराज्य Democratic republic इसका मतलब है, कि देश का प्रमुख कोई भी एक वंशानुगत राजा या रानी नहीं होता है। भारतीय लोकतंत्र में सुधार लाने के उपाय क्या है? Now you can take useful examples to write democracy essay in Hindi in a better way. भारत में प्रजातंत्र का भविष्य निबंध भारत में लोकतंत्र का भविष्य पर निबंध features of democracy principles of democracy bharat ka bhavishya - २६ जनवरी १९५० ई. कॉम, वेबसाइट या एप्स में प्रकाशित रचनाएं कॉपीराइट के अधीन हैं। यदि कोई व्यक्ति या संस्था ,इसमें प्रकाशित किसी भी अंश ,लेख व चित्र का प्रयोग,नकल, पुनर्प्रकाशन, हिंदीकुंज. Do not copy any data from this website without permission. लोकतंत्र एक सरकार की ही प्रणाली है, जो कि हमारी जनता को अपना वोट देने और अपने मन पसंद की सरकार का गठन करने की अनुमति प्रदान करती है। 1947 में ब्रिटिश सरकार से स्वतंत्रता प्राप्त करने के बाद भारत एक लोकतांत्रिक राष्ट्र में परिवर्तित हो गया था तथा आज के समय में यह पूरी दुनिया का एक सबसे बड़ा लोकतांत्रिक राष्ट्र बन चुका है। भारतीय लोकतंत्र अपने नागरिकों को जाति, धर्म, रंग, लिंग और पंथ आदि को नज़र-अंदाज करते हुये अपनी पसंद से वोट देने की अनुमति देता है। इसके पांच लोकतांत्रिक सिद्धांत इस प्रकार हैं — समाजवादी, संप्रभु, धर्मनिरपेक्ष, लोकतांत्रिक गणराज्य, लोकतंत्र । चुनाव में क्या होता है? इसमें चुनाव की भूमिका, इतिहास, इसके 5 सिद्धांत, और सुधार के उपाय। भारत में लोकतंत्र पर निबंध Essay on Democracy in India Hindi हमारे भारत देश में दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र है। लोकतंत्र क्या है? Read short essay on Democracy essay in Hindi.
Democracy Essay in Hindi 300 Words for Students भारत में लोकतंत्र पर निबंध
क्योंकि लोकतंत्र में देश की जनता अपनी सरकार चुनती है। वे कुछ अधिकारों का आनंद लेते हैं जो किसी भी मनुष्य के लिए स्वतंत्र रूप से और खुशी से जीने के लिए बहुत आवश्यक हैं। दुनिया में विभिन्न लोकतांत्रिक देश हैं , लेकिन भारत सबसे बड़ा है। लोकतंत्र समय की कसौटी पर खरा उतरा है, और जबकि अन्य रूपों में सरकार विफल रही है, लोकतंत्र मजबूत हुआ। यह समय और फिर से इसके महत्व और प्रभाव को साबित करता है। एक लोकतंत्र का महत्व मानव विकास के लिए लोकतंत्र बहुत महत्वपूर्ण है । जब लोगों के पास स्वतंत्र रूप से जीने की इच्छा होगी, तो वे अधिक खुश रहेंगे। इसके अलावा, हमने देखा है कि सरकार के अन्य रूप कैसे बदल गए हैं। नागरिक एक राजशाही या अराजकता में खुश और समृद्ध नहीं हैं। इसके अलावा, लोकतंत्र लोगों को समान अधिकार देता है। यह सुनिश्चित करता है कि पूरे देश में समानता बनी रहे। इसके बाद, यह उन्हें कर्तव्य भी देता है। ये कर्तव्य उन्हें बेहतर नागरिक बनाते हैं और उनके समग्र विकास के लिए भी महत्वपूर्ण हैं। सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि लोकतंत्र में लोग सरकार बनाते हैं। इसलिए, नागरिकों द्वारा सरकार का यह चयन सभी को अपने देश के लिए काम करने का मौका देता है। यह कानून को कुशलता से लागू करने की अनुमति देता है क्योंकि नियम उन लोगों द्वारा बनाए जाते हैं जिन्हें उन्होंने चुना है। इसके अलावा, लोकतंत्र विभिन्न धर्मों और संस्कृतियों के लोगों को शांति से रहने की अनुमति देता है। यह उन्हें एक दूसरे के साथ सद्भाव में रहता है। लोकतंत्र के लोग अधिक सहिष्णु हैं और एक दूसरे के मतभेदों को स्वीकार करते हैं। किसी भी देश के लिए खुश और समृद्ध होना बहुत जरूरी है। भारत: एक लोकतांत्रिक देश भारत पूरे विश्व में सबसे बड़ा लोकतंत्र माना जाता है। 1947 में अंग्रेजों का शासन समाप्त होने के बाद , भारत ने लोकतंत्र को अपनाया। भारत में, 18 वर्ष से अधिक आयु के सभी नागरिकों को मतदान का अधिकार मिलता है। यह जाति, पंथ, लिंग, रंग, या अधिक के आधार पर भेदभाव नहीं करता है। इसके अलावा, यह लोकतंत्र के पांच सिद्धांतों का पालन करता है। वे धर्मनिरपेक्ष , संप्रभु, गणराज्य, समाजवादी और लोकतांत्रिक हैं। ये सभी भारत के लोकतंत्र को बनाए रखते हैं। इन सिद्धांतों के बाद, राजनीतिक दल चुनाव लड़ते हैं और अधिकांश वोटों से जीतते हैं। हालाँकि, भारत के नागरिक बहुतायत में मतदान नहीं करते हैं। बेहतर भविष्य के लिए मतदान को प्रोत्साहित करने के लिए कदम उठाए जा रहे हैं। हालांकि भारत सबसे बड़ा लोकतंत्र है लेकिन अभी भी इसे लंबा रास्ता तय करना है। देश को कई समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है जो इसे एक लोकतंत्र के रूप में कुशलता से काम नहीं करने देते हैं। जाति व्यवस्था अभी भी प्रचलित है जो लोकतंत्र के समाजवादी सिद्धांत के साथ विरोध करती है। इसके अलावा, सांप्रदायिकता भी बढ़ रही है। यह देश के धर्मनिरपेक्ष पहलू के साथ हस्तक्षेप करता है। नागरिकों के सुख और समृद्धि को सुनिश्चित करने के लिए इन सभी अंतरों को अलग करने की आवश्यकता है। संक्षेप में, भारत में लोकतंत्र अभी भी अधिकांश देशों की तुलना में बेहतर है। बहरहाल, सुधार के लिए बहुत जगह है जिस पर हमें ध्यान केंद्रित करना चाहिए। कोई भेदभाव न हो, इसके लिए सरकार को कड़े कानून लागू करने चाहिए। इसके अतिरिक्त, नागरिकों को उनके अधिकारों और कर्तव्यों के बारे में जागरूक करने के लिए जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किए जाने चाहिए।. इस लेख में हमने भारत में लोकतंत्र पर निबंध हिन्दी में Essay on Democracy in India Hindi दिया है। इसमें आप जानेंगे लोकतंत्र क्या है? Democracy essay in Hindi is asked in most exams nowadays starting from 1, 2, 3, 4, 5, 6, 7, 8, 9, 10, 11 and 12. को भारत का संविधान लागू हुआ और भारत एक सर्व प्रभुत्व संपन्न गणराज्य के रूप में उभरा। भारत में संसदीय शासन प्रणाली अपनाई गयी तथा लोकसभा और राज्यसभा के रूप में दो सदन स्थापित किये गए। प्रान्तों में भी विधान सभाओं और विधान परिषद् की व्यवस्था की गयी गयी थी परन्तु कालांतर में प्रजातांत्रिक व्यवस्था निश्चय ही अधिक मानवीय एवं न्यायपरक है। प्रजातंत्र में सभी नागरिकों को समान अधिकार प्राप्त होते हैं और मतदान के समय इसकी पुष्टि होती है। प्रजातंत्र में जनता के चुने हुए प्रतिनिधि जनता की आशाओं एवं आकांक्षाओं की पूर्ति में सहायक होते हैं। जनमत की अभिव्यक्ति संसद तथा विधानमंडल में सत्रों में होती है। प्रजातांत्रिक व्यवस्था एक खुली शासन व्यवस्था है जिसमें जनता को यह जानने का अधिकार रहता है कि उसके चुने प्रतिनिधि क्या कर रहे हैं और क्यों कर रहे हैं। प्रजातांत्रिक व्यवस्था में आतंक ,हिंसा ,उपद्रव एवं शक्ति प्रदर्शन के लिए कोई स्थान नहीं होना चाहिए क्योंकि इस व्यवस्था का आधार सहमती अथवा बहुमत की स्वीकृति है। सत्ता परिवर्तन के लिए हिंसक उपायों का अपनाया जाना दुर्भाग्यपूर्ण है क्यों प्रजातंत्र में सत्ता परिवर्तन मतदान ही होना चाहिए। भारत एक विशाल राष्ट्र है जिसकी जनसँख्या १३५ करोड़ को पार कर चुकी है। वयस्क मताधिकार के आधार पर यहाँ हर पाँच वर्ष के पश्चात चुनाव करवाए जाते हैं। चुनाव प्रक्रिया चुनाव आयुक्त की देख रेख में चुनाव आयोग करवाता है। चुनाव आयोग एक स्वायत्त संस्था है जिस पर सरकार का सीधा अधिकार नहीं है। चुनाव प्रायः निष्पक्ष ढंग से एवं स्वतंत्र होते हैं। चुनाव प्रक्रिया गत कुछ वर्षों से अधिक दूषित होती जा रही है। पैसे का भारत में अधिकाँश लोग अनपढ़ है। अशिक्षित लोग भावना में बहकर भी मतदान कर सकते हैं। संसद और विधान सभाओं में चुने हुए प्रतिनिधिओं का अभद्र व्यवहार भी इसी कारण से है। राजनीति का अपराधीकरण होने से अधिक अपराधी विधान सभाओं और लोक सभा के लिए चुने जाते हैं। चुने जाने वाले प्रतिनिधिओं का शैक्षिक स्तर निश्चित किया जाना चाहिए और नए विधायकों तथा सांसदों के प्रशिक्षण का प्रबंध होना चाहिए। प्रजातंत्र में राजनीतिक दलों की भूमिका महत्वपूर्ण रहती है। भारत में अनेक राष्ट्रीय तथा क्षेत्रीय दल है। प्रायः ये दल सम्प्रदाय ,जाति ,क्षेत्र अथवा संकीर्ण मांगों को उठाकर वोट मांगते हैं। धर्म और राजनीति के तालमेल से राष्ट्र का धर्म निरपेक्ष स्वरुप बिगड़ रहा है। सभी दलों के लिए आचार संहिता बननी चाहिए और उसका उलंघन करने वालों को कड़ी सजा मिलनी चाहिए। भारतीय प्रजातंत्र में कमजोर वर्गों तथा अल्पसंख्यक के उत्थान के लिए विशेष व्यवस्था की गयी है। सभी भारतीयों का कर्तव्य है कि कमजोर वर्गों के उत्थान में सहायक बने। शिक्षा और रोजगार के अधिकाधिक अवसर पैदा करने की आवश्यकता है। भारतीय नारी आज समाज के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है। नारियों को हर प्रकार के प्रोत्साहन की आवश्यकता है। हिंदीकुंज. Today we are going to explain how to write democracy essay in Hindi. कॉम के संचालक के अनुमति के बिना करता है ,तो यह गैरकानूनी व कॉपीराइट का उलंघन है। ऐसा करने वाला व्यक्ति व संस्था स्वयं कानूनी हर्ज़े - खर्चे का उत्तरदायी होगा। All content on this website is copyrighted. Violations will attract legal penalties.