Selfish story in hindi. Selfish Love Story In Hindi 2022-12-07
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हालांकि स्वार्थ एक आम और सामाजिकतः स्वीकार्य शब्द है, लेकिन जब हम इसे अत्यधिक अधिकारिक और अपने ही स्वार्थ के समक्ष सभी अन्य कार्यों को छोड़ते हुए लाते हैं, तो यह एक बुरा विचार हो सकता है।
एक स्वार्थी कहानी में, हमें एक व्यक्ति की कहानी मिलती है जो अपने स्वार्थ के समक्ष सभी अन्य लोगों और उनके हितों को छोड़ता है। उसने अपने परिवार और मित्रों को छोड़कर अपने परिवार के साथ अपने स्वयं के लिए एक बड़ा व्यापार शुरू किया, जिससे वह अपने स्वार्थ को पूरा करने के लिए बहुत सारी धन और सम्मान प्राप्त कर सकता था।
The Selfish Gene summary in Hindi
तब हमें अहसास होता है कि इतनी सी समस्या के लिए हमने कितना समय बर्बाद कर दिया. Fox bought freshly cooked soup to the table and it smelled delicious. नाच-गाना चल रहा था. मैं हैरान हूँ कि ये इसे तोड़ क्यों नहीं रहे? उन अंडों में से दो छोटे-छोटे बच्चे निकल आये. कुछ समय बीता, तो चिड़िया ने वहाँ दो अंडे भी दे दिए. इस तरह टैंक में रहने के बाबजूद वे ताज़ी रहती थीं.
मन चंचल होता है. यह उनके लिए एक बड़ी समस्या बन गई क्योंकि लोग बासी मछलियाँ ख़रीदने से कतराते थे. हमारे यहां से बिलाव ने जन्म लिया था तो बच्चे ने कहा नहीं तो वह दासियो ने ही उन्हें बुला रखा था। मेरी जगह मुझे फेंक दिया। मुझे मेरी मासी ने पाला है। sticky a self love story online उसने महाराज को पूरी बात बताई तब राजा ने बच्चे को अपनी गोद में बिठाकर लाड प्यार किया, और उन दासियों को फांसी की सजा दी तथा उनको देहांत स्थान पर जहां उसकी मासी रहती थी। वहा महल में चुनवा दिया । फिर उसकी चाची का उसके चाचा के साथ विवाह करवाया। sticky a self love story watch online free Leave a Reply Your email address will not be published. कई गिद्ध लहू-लुहान और घायल पड़े हुए थे. एक दिन खेत में चिड़िया के बच्चों ने किसान को यह कहते सुना कि कल मैं फ़सल कटाई के लिए अपने पड़ोसी से पूछूंगा और उसे खेत में भेजूंगा.
उबलता पानी और मेंढक एक बार वैज्ञानिकों ने शारीरिक बदलाव की क्षमता की जांच के लिए एक शोध किया. दद्दू की चोट पर हुई किसकी पिटाई दद्दू और मोहित दोनों भाई थे। दोनों एक ही विद्यालय में पढ़ते थे , मोहित दद्दू से 2 साल बड़ा था। दोनों एक साथ स्कूल जाते , लौटते समय भी दोनों साथ ही आते थे। एक दिन की बात है दद्दू अपने दोस्तों के साथ साथ , तेज कदमों से घर की ओर लौट रहा था। अचानक उसका पैर एक पत्थर पर पड़ा , कंधे पर किताब — कॉपी का बोझ लदा था , वह संभल नहीं पाया और गिर गया। दद्दू को चोट लग गई , उसका घुटना छिल गया…………. वह इतना हताश हो गया कि उसके जीने की तमन्ना ही समाप्त हो गई और एक दिन उसने नदी में कूदकर अपनी जान दे दी. यहाँ से कहीं नहीं जाना, क्योंकि इतना आरामदायक जीवन कहीं नहीं मिलेगा. मोरल — विषम परिस्थितियों में भी अपने स्वभाव को नहीं बदलना चाहिए। 17. सफ़लता के मद में वो अति-आत्मविश्वास से भर उठा था और सीखना छोड़ दिया था. किसान ने बच्चे को शाबासी दी और ईनाम देकर विदा किया.
चींटी और कबूतर की कहानी एक बार कड़कती गर्मियों में एक चींटी को बहुत प्यास लगी हुई थी। वो पानी की तलाश में एक नदी किनारे पहुंच गयी। नदी में पानी पीने के लिए वो एक छोटी सी चट्टान पर चढ़ गयी और वहां पर वो फिसल गयी और फिसलते हुए नदी में जा गिरी। पानी का वहाव ज्यादा तेज़ होने से वो नदी में बहने लगी। पास ही में एक पेड़ पर कबूतर बैठा हुआ था। उसने चींटी को नदी में गिरते हुए देख लिया। कबूतर ने जल्दी से एक पत्ता तोडा और नदी में चींटी के पास फेंक दिया और चींटी उसपर चढ़ गयी। कुछ देर बाद चींटी किनारे लगी और वह पत्ते से उतर कर सूखी जमीं पर आ गयी। उसने पेड़ की तरफ देख और कबूतर को धन्यबाद दिया। शाम को उसी दिन एक शिकारी जाल लेके कबूतर को पकड़ने आया। कबूतर पेड़ पर आराम कर रहा था और उसको शिकारी के आने का कोई अंदाजा नहीं था। चींटी ने शिकारी को देख लिया और जल्दी से पास जाके उसके पॉंव पर जोर से काटा। चींटी के काटने पर शिकारी की चीख निकल गयी और कबूतर जाग गया और उड़ गया। नैतिक शिक्षा: कर भला हो भला। अगर आप अच्छा करोगे तो आपके साथ भी अच्छा होगा। Moral: If you do good, good will come to you. मोमबत्तियों को बुझा हुआ देख उसे बहुत दुःख हुआ. मैं इसे फेंक देता हूँ. एक दिन उसे कहीं से जानकारी प्राप्त हुई कि एक पीर बाबा अपने काफ़िले के साथ उसके गाँव में पधारे है. बदलाव तुम्हें स्वयं में लाना है और हर समय इनमें उलझे रहने के स्थान पर इन्हें एक तरफ़ रखकर जीवन में आगे बढ़ना है.
ये ज़रूर है कि ज़िंदगी में कई बार मुश्किलों भरा वक़्त सामने आ खड़ा होता है और हम परेशान हो जाते हैं. कल मैं ख़ुद आकर फ़सल की कटाई शुरू करूंगा. गिद्ध वहाँ बहुत ख़ुश थे. बच्चे थक गए और उन्होंने हार मान ली. जब आँख खुलगी, तो बस पछतावा होगा कि जीवन की ये दिशा हमने कैसे निर्धारित कर ली? क्या पता, जिस प्रयास को करने के पूर्व हम हाथ खींच ले, वही हमारा अंतिम प्रयास हो और उसमें हमें कामयाबी प्राप्त हो जाये.
पहला किसान अफ्रीका में दर-दर भटका और अंत में जान दे दी. चाहे कितनी बार भी असफ़लता का सामना क्यों न करना पड़े? हमारी आँख तब खुलती है, जब परिस्थितियाँ बेकाबू हो जाती है और हम पछताते रह जाते हैं कि समय रहते हमने कोई प्रयास क्यों नहीं किया. कोई न कोई आसान हल ज़रूर मिल जायेगा. यहाँ की भूमि रेतीली होती है और हमें इस रेतीली भूमि में चलना पड़ता है. कुछ ही दिनों में इसे बेच दिया जायेगा. ऐसी परिस्थिति में हम अपनी किस्मत को कोसने लगते हैं या भगवान से शिकायतें करने लग जाते हैं.
यदि जीवन में सफलता प्राप्त करनी है, तो बार-बार असफ़ल होने पर भी तब तक प्रयास करना नहीं छोड़ना चाहिये, जब तक सफ़लता नहीं मिल जाती. बस दिन भर निठल्ला बैठकर सोचता रहता था कि किसी तरह कुछ खाने को मिल जाये. एक ऊँट और उसका बच्चा बातें कर रहे थे. यह भी बताया कि फांसी शाम ६ बजे दी जाएगी. इससे बेहतर जगह मुझे कहाँ मिल पाएंगी? वे बुरे अनुभव भी जीवन का हिस्सा ही हैं. एक दिन एक बेरोजगार युवक उस रास्ते से गुजर रहा था.
मैं भी जा रही हूँ. उसने तुरंत उसके पास जाकर इसका कारण जानने का निर्णय लिया. यह सुनकर लड़का खुश हो गया. It will give real pleasure. आख़िरकार इसका हल भी मिल गया. इस प्रकार गिद्धों को वहाँ खाने-पीने को कोई कमी नहीं थी.
कैसे ये हल होगा? जब वर्ल्ड मैप बन जाये, तब आकर मुझे दिखाना. राज्य का उत्तराधिकारी एक राज्य में एक पराक्रमी राजा का शासन था. वह उसका घर था और वह उसके लिए दुनिया की सबसे प्यारी चीज़ थी. These inspirational moral stories are great short stories in Hindi with the moral collection for kids and adults. चिड़िया और किसान एक गाँव में एक किसान रहता था.